बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला पिछले काफी समय से 5G नेटवर्किंग के खिलाफ याचिका को लेकर सुर्खियों में थीं। भारत में 5जी तकनीक लागू होने जा रही है। जिसका पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने वाला है। इसी को लेकर लंबे समय से जूही चावला 5जी मोबाइल टावरों से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन के खिलाफ लोगों के बीच जागरुकता फैलाने की कोशिश कर रही थीं। इसके खिलाफ उन्होंने केस भी दर्ज किया था, जिसकी सुनवाई 2 जून को हुई। अब हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए अभिनेत्री को झटका दिया है। 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने जूही चावला की याचिका खारिज करते हुए उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
याचिका में दावा किया गया था कि 5G वायरलेस तकनीक योजनाओं से इंसानों, पशु पक्षियों और वातावरण को नुकसान पहुंचने का खतरा है। हालांकि कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया है और उन पर जुर्माना लगाया जाता है।
Hum…tum aur 5G! 😁👍
If you do think this concerns you in anyway, feel free to join our first virtual hearing conducted at Delhi High Court, to be held on 2nd June, 10.45 AM onwards 🙏 Link in my bio. https://t.co/dciUrpvrq8
— Juhi Chawla (@iam_juhi) June 1, 2021
कोर्ट का कहना है कि इससे प्रतीत होता है कि इस मुकदमें को सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था। दरअसल जूही चावला ने सुनवाई का लिंक भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जूही की याचिका पर फैसला देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इनकी याचिका में सिर्फ कुछ ही ऐसी जानकारी है जो सही है बाकी सिर्फ कयास लगाए गए हैं और संशय जाहिर किया गया है। कोर्ट ने इसके साथ ही जूही चावला से कहा कि वो इस मामले में नियमों के साथ जो कोर्ट की फीस बनती है वो भी जमा करें।
इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जे आर मिधा की बेंच ने 2 जून को मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस मुकदमे को सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था। बेंच ने कहा था कि जूही चावला दोषपूर्ण हैं और उन्होंने ये याचिका सिर्फ मीडिया पब्लिसिटी के लिए दायर की गई। बेंच ने जूही से यह भी पूछा था कि उन्होंने इस मामले को पहले सरकार के पास जाने के बजाय अदालत में याचिका दायर क्यों की?
कोर्ट ने जूही चावला के सरकार को रिपोर्ट दिए बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर सवाल उठाए। जस्टिस जे आर ने कहा कि जूही चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और अगर वहां से इनकार होता तब उन्हें अदालत आना चाहिए था।
Given that @iam_juhi has stood up against EMF and cellphone towers for years and years.. do u think it's fair that the #DelhiHighCourt dismissed her case against #5ginindia on grounds of "publicity"?
Can a celebrity EVER do anything without it being considered a publicity stunt?— Pooja Bedi (@poojabeditweets) June 4, 2021
अब जूही चावला के सपोर्ट में पूजा बेदी आई हैं। पूजा बेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ये देखते हुए कि जूही चावला कई सालों से ईएमएफ और सेलफोन टावरों के खिलाफ खड़ी हैं, क्या आपको लगता है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा पब्लिसिटी के आधार पर #5ginindia के खिलाफ उनकी याचिका खारिज करना सही है? क्या एक सेलिब्रिटी पब्लिसिटी स्टंट के नाम पर कुछ भी कर सकता है?’