बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के आत्मह’त्या मामले के बाद से नेपोटिज़्म को लेकर इंडस्ट्री में काफी चर्चा हो रही है, नेपोटिज्म पर शुरू हुई बहस के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई छुपे हुए पहलुओं से पर्दा उठा है। जहां कई एक्टर्स को नेपोटिज्म की वजह से मौके मिले हैं वहीं ज्यादातर का मानना है कि किसी कलाकार का टैलेंट ही है जो आखिर में मायने रखता है। डायरेक्टर आर बाल्की ने भी अब इस चर्चा में हिस्सा लिया है।
अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में आर बाल्की ने इस बारे में बातचीत की, आर बाल्की का कहना है कि लोग इस विषय पर अपने मनोरंजन के लिए बातें कर रहे हैं और अच्छी बातों के बारे में नहीं बता रहे। उन्होंने कहा मैं मानता हूं कि स्टार किड्स को पहली बार पर्दे पर काम करने के लिए एडवांटेज मिलता है, लेकिन सफल वही होता है जिसके अंदर टैलेंट हो, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक्टर्स जैसे आलिया भट्ट और रणबीर कपूर बेहद टैलेंटेड हैं और उनके जैसा कोई नहीं है। मुझे आलिया या रणबीर से बेहतर एक्टर ला दो फिर मैं बहस करने को तैयार हूं।
फिल्म शमिताभ को भी डायरेक्ट कर चुके आर बाल्की ने कहा कि दर्शक उन एक्टर्स को पर्दे पर नहीं देखना चाहते जो टैलेंटेड नहीं हैं, फिर वो स्टार्स किड्स हों या आउटसाइडर। ऐसे कितने आउटसाइडर बॉलीवुड में मौजूद हैं जो आज बुलंदिओं पर हैं और कितने स्टार किड्स हैं जो टैलेंट की कमी के चलते कामयाब नहीं हो पाए।
उन्होंने इस बात को माना कि बॉलीवुड में एक आउटसाइडर के लिए जगह बनाना ज्यादा मुश्किल है। उन्होंने कहा- वो पहला चांस ही होता है जिसकी आपको जरूरत होती है, उसके बाद आप अपनी जिम्मेदारी होते हैं। उन्होंने कहा- मैं मानता हूं कि एक आउटसाइडर के लिए फिल्मों में एंट्री कर पाना ज्यादा मुश्किल होता है, लेकिन आपका टैलेंट आपको मौके दिलाता है। आर बाल्की ने बताया कि अपनी फिल्म में कास्टिंग के लिए वो सिर्फ इन बातों को देखते हैं कि कौन-सा एक्टर रोल को सूट करेगा और कौन उस समय उपलब्ध है। इसके अलावा वह और कुछ नहीं देखते।