बॉलीवुड फिल्म जगत में हर तरह की फिल्में देखने को मिलती हैं लेकिन किसी भी फिल्म को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद ही रिलीज़ किया जा सकता है। हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जो आजतक रिलीज नहीं हो पाई हैं। मगर इनमें से कुछ ऐसी भी फिल्में हैं जिन्हें अलग-अलग वजह से भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। बहरहाल, इन 9 बोल्ड फिल्मों को आप यूट्यूब पर आसानी से देख सकते हैं। आइए जानते हैं कौनसी हैं ये 9 फिल्में।
कामसूत्र 3D
‘कामसूत्र 3D’ को रूपेश पोल ने डाइरेक्ट किया था, फिल्म को रूपेश पॉल ने ही लिखा था, इस फिल्म में पहले शर्लीन चोपड़ा ने काम किया था और फिल्म के ट्रीज़र में भी शर्लिन को दिखाया गया था, लेकिन शर्लिन चोपड़ा और डाइरेक्टर के बीच विवाद होने के बाद शर्लिन को फिल्म से बाहर कर दिया था। कामसूत्र 3D भी कुछ सीन्स की वजह से भारत में बैन है, मगर फिल्म छोटे-छोटे हिस्सों में यूट्यूब पर मौजूद है।
अनफ्रीडम
सेंसर बोर्ड ने राज अमित कुमार द्वारा डायरे्क्ट की गई फिल्म ‘अनफ्रीडम’ पर इसलिए रोक लगा रखी है क्योंकि यह फिल्म दो लड़कियों के संबंधो पर आधारित फिल्म है। फिल्म में इतने संवेदनशील सीन्स हैं कि इस फिल्म को परिवार में बैठकर नहीं देखा जा सकता। यह फिल्म 2015 में मई के महीने में रिलीज होनी थी।
द पेंटेड हाउस
‘द पेंटेड हाउस’ फिल्म में कुछ ऐसे सीन थे जो सेंसरबोर्ड को आपत्ति जनक लगे जिस वजह से निर्देशक और सेंसरबोर्ड के बीच विवाद हो गया था, इसी विवाद के चलते सेंसरबोर्ड ने फिल्म को भारत मे बैन कर दिया था मगर यह फिल्म यूट्यूब पर देखी जा सकती है, यूट्यूब पर ये फिल्म ‘टाइपराइटर’ के नाम से मौजूद है।
यूआरएफ प्रोफेसर
फिल्म ‘यूआरएफ प्रोफेसर’ के निर्माता पंकज आडवानी थे। इस फिल्म को भी बोल्ड दृश्यों की वजह से सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिल पाई। हालाँकि इसे यूट्यूब पर आप देख सकते हैं। इस फिल्म में फेमस एक्टर शर्मन जोशी के अलावा मनोज पहवा और अनंत माली जैसे एक्टर भी थे। फिल्म साल 2001 में रिलीज होनी थी।
बेंडिट क्वीन
डायरेक्टर शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ की चर्चा तो पूरे बॉलीवुड में हुयी थी। यह फिल्म एक औरत फूलन देवी की रियल लाइफ की कहानी पर आधारित है जिसकी समाज के कई लोगों ने आबरू लूटी और इस हादसे के बाद वह महिला फूलन देवी के रूप में चंबल घाटी में डाकू बनकर अपना बदला लेने लगी थी। हालाँकि फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ को सेंसर ने वल्गर और इनडिसेंट कंटेंट के चलते बैन कर दिया था, लेकिन यह फिल्म भी आपको यूट्यूब पर मिल जाएगी।
सिन्स
एक पादरी और एक महिला के संबंधों पर बनाई गई फिल्म ‘सिन्स’ साल 2005 में आई थी। इस फिल्म के सब्जेक्ट को लेकर ईसाई धर्म में काफी बवाल हुआ था और सेंसर बोर्ड ने इसे बैन करने का फैसला लिया। वहीं अगर आप इस फिल्म को देखना चाहते हैं तो ये आपको आसानी से यूट्यूब पर मिल जाएगी। इस फिल्म को देखने वालों की लिस्ट काफी बड़ी है।
पांच
हमेशा अलग विषय पर फिल्में बनाने वाले अनुराग कश्यप ने 2003 में फिल्म ‘पांच’ बनाई थी। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को इसलिए बैन किया क्यूंकि इस फिल्म में बहुत ज्यादा हिंसा और नशाखोरी के अलावा और भी बहुत कुछ दिखाया गया था।
फायर
दीपा मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म ‘फायर’ दो महिलाओं के रिश्तों पर आधारित थी। यह मध्यवर्गीय परिवार में उन दो महिलाओं की कहानी थी जो रिश्ते में देवरानी और जेठानी होती हैं और एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाती हैं। कई संगठनों से इस फिल्म का विरोध किया था, जिसके चलते इस पर बैन लगा दिया गया।
वाटर
दीपा मेहता की फिल्म ‘वाटर’ में विधवा महिलाओं के जीवन से जुड़ी स्याह दुनिया को दिखाया गया है। इस फिल्म को अकादमी अवॉर्ड 2007 के लिए नॉमिनेट भी किया गया, लेकिन विवादों में आने कारण इसे बैन कर दिया गया।